आँखों में हसीं सपने आ रहे हैं
अपने मिलन के बाद
बसने वाले उस संसार के
जो मेरा होगा
तुम्हारा होगा
और बस हमारा होगा
प्यार का आँगन
खिलते फूल महकता मन
प्रेम रंग में रंगे मन
ऐसा इन्द्रधनुषी जीवन होगा!
ज़रूर इस आँगन से
जहाँ जन्म लिया है मैंने
नाता टूट जायेगा मेरा
शायद इसी लिए मेरा प्यार अभी
आँखों में आंसू भरा है
और मेरे मन में एक टीस - सी है
मुझे विव्ह्लित कर देती है
एक गहरी संवेदना है
(फिर से देखने लगती हूँ
अनंत आकाश और शून्य में)
नीले आकाश में
श्वेत श्याम बादलों के बीच
एक
पंच्ची उड़े चला जा रहा है
अकेला, नितांत अकेला
शायद सुबह का भुला है
जो सांझ होने पर अपने घर लौट रहा है
या फिर मेरी तरह नीड़ की तलाश में
अनंत आकाश में
भटकता हुआ एक विहग है
पर जड़ों की तलाश में
मुझे इस तरह
भटकना नहीं पड़ेगा
तेरे आँगन की माती में
(क्रमश...)
एक कोना मेरी
चाहत को भी मिलेगा
really impressive and expressive it gives a feeling of pleasure while reading it
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